Holika Dahan 2022: फाल्गुन पूर्णिमा व्रत का महत्व, होलिका दहन के समय कर लें बस ये काम, हो जाएंगे आपके वारे-न्यारे, होलिका दहन पूजा का शुभ मुहूर्त, होली किसलिए, क्यों मनाई जाती है

हमारे भारत देश त्योहारों का विशेष महत्व है, यहाँ भिन्न जाति के लोग भिन्न-भिन्न त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया करते है और इन्ही त्यौहार में से एक त्यौहार है “होली” (Holi)।

भारत में सामान्तया त्यौहार हिंदी पंचाग के अनुसार ही मनाये जाते है। इस तरह होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह त्योहार बसंत ऋतू के आगमन का प्रतीक माना जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत का महत्व

इस दिन होलिका दहन भी किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करना चाहिए। सुबह स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इस दिन व्रत करके होलिका दहन की पूजा करनी चाहिए। होलिका दहन पर गाय के गोबर से गुलरिया बनाकर होलिका में माला आगे पढ़ने के लिए क्लिक करे…

होलाष्टक क्या होता हैं? क्यों इससे अशुभ माना जाता है 

होलाष्टक का आशय है होली के पूर्व के आठ दिन हैं, जिसे होलाष्टक कहते हैं। धर्मशास्त्रों में वर्णित 16 संस्कार जैसे- गर्भाधान, विवाह, पुंसवन (गर्भाधान के तीसरे माह किया जाने वाला संस्कार), नामकरण, चूड़ाकरण, विद्यारंभ, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, गृह शांति, हवन-यज्ञ कर्म आदि नहीं किए जाते।

कहा जाता है कि होलिका द्वारा प्रह्लाद को जलाए जाने के पहले आठ दिन प्रह्लाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने उसे तमाम शारीरिक प्रताड़नाएं दीं, इसलिए इन आठ दिनों को हिंदू धर्म के अनुसार सर्वाधिक अशुभ माना जाता है।…आगे पढ़ने के लिए क्लिक करे…

 

होली पर बनने वाले शुभ योग (Holi 2022 Shubh Yog)

इस साल होली पर वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्रुव योग बनने जा रहे हैं. वृद्धि योग में किए गए काम आपको लाभ देते हैं. यह योग व्यापार के लिए काफी फायेदमंद माना जाता है. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग में अच्छे कार्यों से पुण्य प्राप्त  होता है. साथ ही, ध्रुव योग से चंद्रमा और सभी राशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, इस साल होली पर बुध-गुरु आदित्य योग. भी बनने जा रहा है. इस योग में होलिका की पूजा करने से घर, परिवार में सुख शांति बनी रहती है और संतान को दीर्घायु प्राप्त होती है.  

जहां भी सार्वजनिक होली जलती है वहां पर पूजा करें और होलिका की अग्नि (Holika Agni Vastu Tips) की 12 परिक्रमा करें. इसके बाद होलिका में से एक कंडे को उठाकर अपने घर ले आएं. फिर होलिका की अग्नि से एक दीपक जला लें और उसे अपने घर लेकर आएं. लगातार 16 दिन तक इस दीपक की अखंड ज्योति  घर की दक्षिण पूर्व दिशा में जलाएं.

ऐसा करने से आपको काफी फायदा मिलता है. जैसे-  

– इससे घर की महिलाओं का स्त्री दोष दूर होता है.
– बच्चों का पढ़ाई-लिखाई में बेहतर प्रदर्शन नजर आने लगता है. 
–  घर में खान-पान के कारण होने वाली बीमारियां दूर हो जाती हैं. 
– पारिवारिक कलह चल रही हैं तो इससे वह दूर हो जाती है. 

होलिका दहन के नियम (Holika Dahan Ke Niyam)

– होलिकी दहन शुभ मुहूर्त में ही करें. भद्रा मुख और राहुकाल के दौरान होलिका दहन करना शुभ नहीं माना जाता है

– होलिका दहन करते समय महिलाएं इस बात का ख्याल रखें कि सिर को खुला ना रखें, कोई ना कोई कपड़ा जरूर सिर पर रखकर पूजा करें.  

– होली के दिन भोजन करते समय आपका मुंह दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए. 

– इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए. 

– ध्यान रहे कि इस दिन बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए. 

– इस दिन देर रात तक घर से बाहर नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इस दिन रात के समय नकारात्मक नकारात्मक शक्तियां काफी सक्रिय रहती हैं.  

 

होलिका दहन पूजा का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2022 Puja Ka Shubh Muhurat)

होलिका दहन बृहस्पतिवार, मार्च 17, 2022 को
होलिका दहन मुहूर्त – रात 9 बजकर  6 मिनट  से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक
अवधि – 01 घण्टा 10 मिनट्स
रंगवाली होली शुक्रवार, मार्च 18, 2022 को
भद्रा पूंछ – रात 9 बजकर 6 मिनट  से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक
भद्रा मुख – रात 10 बजकर 16 मिनट  से लेकर 18 मार्च 2022 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक 

होली से एक दिन पहले कर लिया ये एक काम तो घर में कभी नहीं होगी धन की कमी 

होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. ऐसे में इस दिन कुछ खास उपाय करने से आपकी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…

माना जाता है कि होली से एक दिन पहले यानी होलिका दहन (Holika Dahan Ke Upay) के दिन कुछ खास उपाय करने से कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है. 

इस दिन पूजा करने से भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती है. आइए जानते हैं होली से जुड़े कुछ खास उपायों के बारे में… 

गरीबों को करें दान- होली के दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान करना काफी अच्छा माना जाता है. ऐसा करने से आपकी सेहत, संपत्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है साथ ही मानसिक शांति भी प्राप्त होती है. ऐसे में होली के दिन दान जरूर करें. 

नौकरी के सफलता पाने के लिए- अगर आप अपनी नौकरी, बिजनेस या करियर से संतुष्ट नहीं है या आपको कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता हासिल नहीं मिल पा रही है तो इसके लिए होलिका दहन के दिन पूजा के दौरान नारियल को अग्नि में डाल दें. इसके बाद सात बार होलिका की परिक्रमा करें. 

आर्थिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए- होली का त्योहार होलिका दहन से शुरू हो जाता है. ऐसे में अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहते हैं  और घर में सुख शांति लाना चाहते हैं तो होलिका दहन की पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में मेवा और मिठाई का भोग लगाएं.  

मनोकामना पूरी करने के लिए- हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है कि उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हों. लेकिन बहुत से लोगों को इसके लिए कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी फल नहीं मिल पाता. ऐसे में इसके लिए होलिका दहन की पूजा के दौरान अग्नि में पान के पत्ते और सुपारी को नारियल के साथ अर्पित करें. ऐसा करने से  आपको अच्छे परिणाम हासिल हो सकते हैं.  

भय से बचने के लिए- अगर आपके मन में भी बुरे ख्याल आते हैं अज्ञात भय का सामना करना पड़ता है तो होलिका दहन की पूजा के दौरान एक सूखा नारियल, काला तिल और और सरसों को लेकर अपने सिर पर 7 बार वार लें और इसे अग्नि में डाल दें.  

घर में खुशियां लाने के लिए- अगर आपके घर में लंबे समय से बुरा वक्त चल रहा है और आप इससे छुटकारा चाहते हैं तो होली की राख को घर लाकर उसमें राई और और साबुत नमक डालें और घर में सबसे शुद्ध स्थान पर रख दें. इससे घर की नकारात्मकता दूर होगी.

 

होली का पर्व बहुआयामी है। इस दिन समाज से ऊंच-नीच, गरीब-अमीर जैसी विभाजक भावनाएं विलुप्त हो जाती हैं। यह पर्व खेती-किसानी से भी जुड़ा है इसीलिए तो जलती होली में गेहूं की बालियों को भूनने का महत्व है और मन जाता है कि किसान फसल पक जाने का उत्सव इसी के साथ मानते है।

 

होली पर जरूर आजमाएं ये 5 आसान वास्तु टिप्स, रंगों के साथ होगी रुपयों की बौछार 

1. होली के दिन घर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा की तस्वीर लाने से शुभता बढ़ती है. इस तस्वीर को आप अपने मंदिर या बेडरूम में लगा सकते हैं. कृष्ण-राधा की  तस्वीर लाने के बाद सबसे पहले फूल और गुलाल अर्पित करें और फिर उसे वास्तु के हिसाब से घर में स्थान दें. 

2. किसी कार्य में सफलता पाने के लिए होली पर घर या कार्यस्थल पर पूर्व दिशा में उगते सूर्य तस्वीर लगाएं. ऐसा करने से आपका भाग्योदय होगा और जीवन की तमाम बाधाएं खुद-ब-खुद दूर होती चली जाएंगी.

3. पौधे घर में गुडलक लेकर आते हैं. अगर होली जैसे शुभ अवसर पर आप अपने घर या बेडरूम के लिए कुछ पौधे लें आएं तो  इससे ग्रह दोष खत्म हो सकता है. आप तुलसी, मनीप्लांट या कोई भी इंडोर प्लांट घर लेकर आ सकते हैं. 

4. घर के शीष पर लगे ध्वज को बदलने के लिए होली सबसे अच्छा समय माना जाता है. घर में लगा ध्‍वज परिवार में मान-सम्‍मान, सुख-समृद्धि लाता है. 

5. होली के त्योहार पर गणेश जी की पूजा करके उन्‍हें ठंडई का भोग लगाने से घर-परिवार में खुशियां आती हैं. घर के लोगों की किस्‍मत साथ देने लगती है. उनका नसीब खुल जाता है.

होलिका दहन के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, हो सकता है नुकसान 

होलिका दहन के दिन भूलकर भी ना करें ये काम

– होलिका दहन के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां ज्यादा प्रभावी होती हैं.

-होलिका दहन के समय आपको अपना सिर खुला नहीं रखना चाहिए.

– होलिका दहन की रात को लोग टोने-टोटके भी करते हैं इसलिए इस दिन किसी के घर पर खाना नहीं खाना चाहिए.

–  इस दिन ना तो बासी भोजन करना चाहिए और ना ही दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठकर खाना चाहिए.

जो लोग भी पुत्र की प्राप्ति कर चुके हैं, उन्हें होलिका दहन खुद से नहीं करना चाहिए. इसे आप किसी पंडित से या किसी और से करवाएं. 

-नवविवाहित स्त्रियों को होली जलते हुए नहीं देखनी चाहिए. माना जाता है कि होलिका को जलते देखने से नवविवाहित स्त्रियों को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.  

होलिका दहन के दिन किसी भी तरह के मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.

– होलिका दहन की रात को तंत्र की रात्रि माना जाता है. इस दिन सूनसान इलाकों में जाने से बचना चाहिए.

होलिका दहन प्राचीन कथा :

होली की पूर्व संध्या में होलिका दहन किया जाता है। इसके पीछे एक प्राचीन कथा है कि दीति का पुत्र हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से घोर शत्रुता रखता था। इसने अपनी शक्ति के घमंड में आकर स्वयं को ईश्वर कहना शुरू कर दिया और घोषणा कर दी कि राज्य में केवल उसी की पूजा की जाएगी। उसने अपने राज्य में यज्ञ और आहुति बंद करवा दी और भगवान के भक्तों को सताना शुरू कर दिया।

  हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। पिता के लाख कहने के बावजूद प्रहलाद विष्णु की भक्ति करता रहा। असुराधिपति हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की भी कई बार कोशिश की, परंतु भगवान स्वयं उसकी रक्षा करते रहे और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ।

 असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शंकर से ऐसी चादर मिली थी कि जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को प्रहलाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रहलाद के ऊपर आ गई जिससे प्रहलाद की जान बच गई और होलिका जल गई। होलिका दहन के दिन होली जलाकर ‘होलिका’ नामक दुर्भावना का अंत और भगवान द्वारा भक्त की रक्षा का जश्न मनाया जाता है।

होली पौराणिक तथ्य : होली का त्योहार भारतवर्ष में अति प्राचीनकाल से मनाया जाता आ रहा है। इतिहास की दृष्टि से देखें तो यह वैदिक काल से मनाया जाता आ रहा है। हिन्दू मास के अनुसार होली के दिन से नए संवत की शुरुआत होती है। चैत्र कृष्ण प्रतिप्रदा के दिन धरती पर प्रथम मानव मनु का जन्म हुआ था। इसी दिन कामदेव का पुनर्जन्म हुआ था। इन सभी खुशियों को व्यक्त करने के लिए रंगोत्सव मनाया जाता है। नरसिंह रूप में भगवान इसी दिन प्रकट हुए थे और हिरण्यकश्यप नामक महासुर का वध कर भक्त प्रहलाद को दर्शन दिए थे

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