श्री प्रेतराज चालीसा Shri Pretraj Chalisa
॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरु चरनन चितलाय। प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दु:ख भार। वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज सरकार॥…
जुड़ कर औरों को जोड़ कर चले, आओ अपनी संस्कृति को सहज कर चले।
॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरु चरनन चितलाय। प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दु:ख भार। वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज सरकार॥…
॥ दोहा॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज । माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।…
॥ दोहा॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर, पाते हैं…