श्री हनुमान बाहुक

छप्पय सिंधु तरन,सिय- सोच हरनू,रबि बाल बरनू तनु । भुज बिसाल , मूरति कराल कालहु को काल जनु । गहन – दहन निरदहन लंक निःशंक , बंक – भुव । जातुधान बलवान मान मद दवन पवनसुव ।। कह तुलसीदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट । गुन, गनत , नमत , सुमिरत जपत समन सकल Continue reading

श्री हनुमान जंजीरा मंत्र

। श्री हनुमान जंजीरा ।। ॐ हनुमान पहलवान पहलवान । बरस बारह का जबान ।। हाथ में लड्डू मुख में पान । खेल खेल गढ़ लंका के चौगान ।। अंजनी का पूत , राम का दूत । छिन में कीलौ , नौ खंड का भूत ।। जाग जाग हड़मान हुंकाला । ताती लोहा लंकाला ।। Continue reading

बजरंग बाण

                                         [ दोहा ] निश्चय प्रेम प्रतीतिते , विनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल , शुभसिद्ध करै हनुमान ।। भावार्थ – जो भी मनुष्य हनुमान जी में अपना प्रेम और सम्पूर्ण विश्वास रखता है Continue reading

Translate »
आरती संग्रह
चालीसा संग्रह
मंत्र
Search