हनुमान साठिका

।। दोहा।। बीर बखानों पवनसुत , जानत सकल जहान । धन्य धन्य अंजनी तनय, संकर हर हनुमान ।।   भावार्थ – मैं वीर पवन कुमार की कीर्ति का वर्णन कर रहा हूं जिन्हें सम्पूर्ण जगत जानता है। हे प्रभु हनुमान जी आप धन्य हैं। हे शंकर के अवतार हनुमान जी आप धन्य हैं। ।। चौपाई Continue reading

शिवरात्रि कथा

‘महाशिवरात्रि’ के विषय में भिन्न – भिन्न मत हैं, कुछ विद्वानों का मत है कि आज के ही दिन शिवजी और माता पार्वती विवाह-सूत्र में बंधे थे जबकि अन्य कुछ विद्वान् ऐसा मानते हैं कि आज के ही दिन शिवजी ने ‘कालकूट’ नाम का विष पिया था जो सागरमंथन के समय समुद्र से निकला था Continue reading

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सो त्रास भयो जग को यह संकट काहु सो जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो । बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि जात महाप्रभु Continue reading

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