श्री सूर्य मंत्र
आ कृष्णेन् रजसा वर्तमानो निवेशयत्र अमतं मर्त्य च
हिरणययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन ||
जुड़ कर औरों को जोड़ कर चले, आओ अपनी संस्कृति को सहज कर चले।
श्री सूर्य मंत्र
आ कृष्णेन् रजसा वर्तमानो निवेशयत्र अमतं मर्त्य च
हिरणययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन ||