श्री हनुमान मंत्र
मनोजवं मारुततुल्यवेगम् |
जितेन्दि्रयं बुद्धिमतां वरिष्थम् |
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं |
श्री रामदूमं शरण प्रपद्ये ||
जुड़ कर औरों को जोड़ कर चले, आओ अपनी संस्कृति को सहज कर चले।
श्री हनुमान मंत्र
मनोजवं मारुततुल्यवेगम् |
जितेन्दि्रयं बुद्धिमतां वरिष्थम् |
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं |
श्री रामदूमं शरण प्रपद्ये ||