जय श्री राम मित्रों क्या आप जानते है कि बहुत से लोगों को हनुमान जी की पूजा की सही विधि नहीं पता होती है ,जिस वजह से वे बहुत सारी गलतियां करते हैं। इस गलतियों और त्रुटियों की वजह से उनकी पूजा या साधना सिद्ध नहीं हो पाती है । इसलिए जिस भी साधक को श्री हनुमान जी की पूजा की सही विधि पता होती है वो ही सही रूप से पूजा या साधना को सिद्ध करने में सक्षम हो पाता है । तो आइए हम जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा में क्या होती है सही विधि । इस विधि को हम क्रमवार रूप से समझते हैं।
श्री हनुमान जी की पूजा की विधि में मन में उठने वाले प्रश्न इस प्राकर है ।
२ – दूसरा प्रश्न उठता है कि दीपक कौन सा लगाना चाहिए। वैसे तो सबसे उत्तम दीपक गाय के घी का होता है । परन्तु यह कोई उपलब्ध नहीं कर सकता है।इसलिए हमे समय काल और परिस्थिति को समझकर ही कार्य करना चाहिए । कियिकि गाय के घी के दीपक को हर इंसान के लगा पाना संभव नहीं होता है आज के समय में । इसलिए हमे उसके विकल्प को भी देखना होता हैं । अतः गाय के घी के दीपक के विकल्प में हम बहुत से अन्य दीपक भी लगा सकते है जैसे कि किसी अन्य घी को लगाना ।
अर्थात गाय के घी के न मिलने पर हम किसी अन्य घी का भी प्रयोग पूजा में कर सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी की घी खरीदने की स्थति नहीं है तो वह सरसों के तेल का दीपक या कोई अन्य दीपक भी जला सकता है। क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं कि प्रभु की भक्ति करने का हक हर इंसान को है चाहे वो गरीब हो अमीर हो। इसलिए हर इंसान जो भी प्रभु श्री हनुमान जी की पूजा करना चाहता है वह अपनी सुविधा के अनुसार ही पूजा कर सकता है। यहां भौतिक सामग्री उतना मायने नहीं रखती जितना कि भगवान के प्रति भाव । अतः यदि भगवान के लिए आपके भाव सच्चे है तो यह सब बाते इतना मायने नहीं रखती है।क्योंकि यह सभी सामग्री वगरह केवल भगवान तक पहुंचने का साधन मात्र है । अंततः सभी की मंजिल तो एक ही है ।इसलिए हम कह सकते हैं कि अगर साधक की भक्ति सच्ची है तो यह सामग्रियां इतना महत्व नहीं रखती है।
३- तीसरा प्रश्न आता है कि हम दीपक कौन सा लगाए अर्थात मिट्टी का दीपक लगाएं या किसी अन्य धातु का । तो यहां भी हम इस बात को स्पष्ट करेगे कि आपकी जैसी आर्थिक स्थति है उस हिसाब आप इसका चुआव कर सकते है। वैसे सभी दीपकों के गुण अलग अलग होते हैं । परन्तु फिर भी मिट्टी का दीपक सबसे उत्तम माना गया है। मिट्टी के दीपक को उत्तम मानने के बहुत से कारण हैं जो कि इस प्रकार है। जैसा कि हम जानते हैं कि मिट्टी हमारे पंच तत्वों में से एक है । अर्थात हमारे शरीर में मौजूद पांच तत्वों में से एक मिटटी भी है। इसलिए हमारे लिए मिट्टी का महत्व बढ़ जाता है। दूसरा कारण यह है कि मिट्टी पूर्णतः प्राकृतिक है और प्रकृति की बनाई हुई है । अर्थात जिसमे किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं है। इसलिए हमारे लिए मिटटी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। तीसरा कारण यह है कि मिटटी कभी खराब नहीं होती हैं। वह जैसी है वैसी ही रहती है। चोथा कारण यह है कि मिट्टी में सकारात्मक गुणों का वास स्वतः ही रहता है । अतः उपरोक्त विवरण के अनुसार हम समझ सकते हैं कि हम पूजा में दीपक अपनी सुविधा के अनुसार मिट्टी अथवा अन्य किसी धातु का लगा सकते है। परन्तु सबसे उत्तम मिट्टी का दीपक ही होता है । एवं यदि किसी की आर्थिक स्थति है तो वह चांदी का दीपक भी के सकता है। कुल मिलाकर यह केवल मानसिक अवधारणाएं है ।
इस प्रकार हमने जान की श्री हनुमान जी की पूजा में क्या आवश्यक होता है । अर्थात हमे किस प्रकार का दीपक लगाना चाहिए और किस दीपक से प्राम्भ करना चाहिए इस सभी प्रश्नो के उतर हमने इस लेख में दिए है । हमे आशा है की आप हमारे सभी प्रकार के उत्तर से संतुष्ट होंगे । इसके बाद भी यदि आपके मन में पूजा अथवा साधना से सम्बंधित किसी भी प्रकार का प्रश्न है तो आप हमे ठीक पहले की तरह ही लिख कर भेज सकते है । जिसके बाद समय मिलते ही आपके प्रश्नों का उत्तर दे दिया जाएगा । धन्यववाद