बाल समय रवि भक्षी लियो तब तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सो त्रास भयो जग को यह संकट काहु सो जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो । बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि जात महाप्रभु Continue reading
नवीनतम
श्री हनुमान बाहुक
छप्पय सिंधु तरन,सिय- सोच हरनू,रबि बाल बरनू तनु । भुज बिसाल , मूरति कराल कालहु को काल जनु । गहन – दहन निरदहन लंक निःशंक , बंक – भुव । जातुधान बलवान मान मद दवन पवनसुव ।। कह तुलसीदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट । गुन, गनत , नमत , सुमिरत जपत समन सकल Continue reading
श्री हनुमान जंजीरा मंत्र
। श्री हनुमान जंजीरा ।। ॐ हनुमान पहलवान पहलवान । बरस बारह का जबान ।। हाथ में लड्डू मुख में पान । खेल खेल गढ़ लंका के चौगान ।। अंजनी का पूत , राम का दूत । छिन में कीलौ , नौ खंड का भूत ।। जाग जाग हड़मान हुंकाला । ताती लोहा लंकाला ।। Continue reading