। श्री हनुमान जंजीरा ।।
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान ।
बरस बारह का जबान ।।
हाथ में लड्डू मुख में पान ।
खेल खेल गढ़ लंका के चौगान ।।
अंजनी का पूत , राम का दूत ।
छिन में कीलौ , नौ खंड का भूत ।।
जाग जाग हड़मान हुंकाला ।
ताती लोहा लंकाला ।।
शीश जटा डग डेरू उमर गाजे ।
वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला ।।
आगे अर्जुन पीछे भीम ।
चोर नार चंपे ने सींण ।।
अजरा झरे भरया भरे ।
ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचन्द्र जी लक्ष्मण कुवँर हड़मान करें।
( समाप्त )
हनुमान जंजीरा करने के नियम
जंजीरा करने से पहले उसके नियमों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक है।
१- इसका जाप किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
२- इस मंत्र का जाप आपत्तिकाल में किया जाना चाहिए।
३- यह एक शाबर मंत्र है जो तुरंत असर करता है । अतः इसका जाप सोच समझ के ही करें।
४- मंत्र की परीक्षा लेने के उघेश्य से यह मंत्र न करें।
५- यदि साधक हनुमान जी से संबंधित सभी नियमों का पालन नहीं करता है तो वह यह जाप न करें ।
६- यदि साधक सात्विक नहीं है तो जाप न करें।
७- किसी भी गलत भावना से प्रेरित होकर इस मंत्र का जाप न करें । अन्यथा समस्या पैदा हो सकती है।
८- मंत्र का उच्चारण गलत न करें।
९- पूजा में किसी भी प्रकार की त्रुटि करने से बचें ।
१०- अगर आप गृहस्थ जीवन में है तो किसी योग्य गुरु का मार्गदर्शन अवश्य ले।
लाभ इस प्रकार हैं।
१- इस चमत्कारिक मंत्र का असर तुरन्त होता है । अतः यह एक प्रभावशाली सिद्ध शाबर मंत्र है ।
२- इस मंत्र के प्रभाव से सभी प्रकार की ऊपरी बाधाएं जैसे कि भूत प्रेत, पिशाच , डाकीनी, शाकिनी आदि सभी प्रकार की समस्याएं तुरन्त समाप्त हो जाती है।
३- यदि कोई ऊपरी बाधाओं से बहुत समय से बीमार चला आ रहा है तो इस मंत्र को करने लाभ प्राप्त होता है।
४- यदि यह मंत्र सिद्ध हो जाता है तो साधक स्वयं के साथ ही साथ समाज का भी लाभ पहुंचा सकता है। अर्थात साधक दूसरे व्यक्तियों को भी सही कर की क्षमता पा लेता है ।
५- इस मंत्र को करने से साधक की सभी तरह रक्षा होती है।
विधि
1- इस मंत्र का जाप सम्पूर्ण जानकारी के साथ ही करें।
२- इस मंत्र को प्रतिदिन एक माला करके सिद्ध किया जा सकता है।
३- ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र २१ या ४१ दिन करने से सिद्ध हो जाता है।
४-इस मंत्र की साधना काल में सदैव सात्विक रहना चाहिए।
५- साधना से सम्बन्धी सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
मित्रों ,मंत्र यहां लिखित में दिया गया है। जिसके सभी लाभ और नियम भी दिए गए है। जिससे आप आसान भाषा में समझ सकते है। यदि कोई साधक मंत्र का पाठ 108 बार प्रतिदिन करने से यह सिद्ध हो जाता है।
हनुमान जी से सम्बंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न १७ – हनुमान ने सीता को राम की अंगूठी क्यों दी ?
उत्तर – हनुमान जी ने माता सीता को प्रभु श्री राम की अंगूठी इसलिए दी ताकि माता सीता को विश्वाश हो जाय कि वे राम के ही दूत हैं।
प्रश्न १८ – जब हनुमान जी समुद्र पार कर रहे थे तो बीच रास्ते में कौन सी राकक्षी थी?
उत्तर – हनुमान जी को समुद्र पार करते में ” सिंघिका राक्षसी ” से सामना हुआ जो परछाई को पकड़ लेती थी जिसे हनुमान जी ने मार दिया था।
प्रश्न १९ – हनुमान प्रत्यक्षीकरण साधना विधि क्या है ?
उत्तर – किसी भी गृहस्थ के लिए ऐसी साधना करना उचित नहीं होता है । यदि कोई गृहस्थ इस प्रकार की साधना ,अथवा हट साधना करते हैं तो उसके दुष्परिणाम हो सकते है, बिना किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन के ऐसी साधना न करें।
प्रश्न २० – सपने में हनुमान जी की पूजा करना कैसा होता है ?
उत्तर – सपने में हनुमान जी की पूजा करना अच्छा संकेत होता है । यदि किसी को ऐसा स्वपन आता है तो उसे हनुमान जी की पूजा और दर्शन अवश्य करना चाहिए।
प्रश्न २१ – मेघनाद कौन था उसने हनुमान को पकड़ने के लिए क्या किया?
उत्तर – मेघनाद रावण का पुत्र था
प्रश्न – २२ – राक्षस यों के जाने के बाद हनुमान जी सीता से मिलने के लिए पेड़ से क्यों नहीं उतरे?
उत्तर – हनुमान जी चाहते थे कि माता सीता के सामने आने से पहले उन्हें प्रभु श्री राम की अंगूठी दिखाई जाए।
प्रश्न २३ – हनुमान जी ने समुद्र पार करते समय किन-किन बाधाओं का सामना किया बताएं ?
उत्तर – श्री हनुमान जी ने समुद्र पार करते समय विभिन्न बाधाओं को पार किया जैसे कि राक्षस और राक्षसियां का रोका जाना ।
प्रश्न २४- हनुमान जी का पाठ सूर्यास्त के बाद कर सकते हैं 7:30 बजे ?
उत्तर – यदि विशेष दिनों को छोड़ दें तो हनुमान जी की पूजा कभी भी की जा सकती है ।
प्रश्न २५ – हनुमान जी बचपन में कैसे उड़ना सीखे?
उत्तर – हनुमान जी को उड़ने की शिक्षा पवन देव ने दी । पवन देव ने हनुमान जी को वायु के विभिन्न वेगों की जानकारी दी ।
प्रश्न २६ – हनुमान के छलांग लगाने पर महेंद्र पर्वत पर क्या-क्या परिवर्तन हुए थे?
उत्तर – हनुमान जी के छलांग लगाने से महेंद्र पर्वत की चट्टानें नीचे खिसकने लंगी और पर्वत दरकने लगा।
प्रश्न २७ – हनुमान जी को पानी चढ़ाने से क्या फायदा ?
उत्तर – हनुमान जी को मंगलवार और शनिवार को चोला चढ़ाने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा यदि कोई रोगी है तो हनुमान जी के मंत्र से पानी को अभिमंत्रित करके रोगी को पिलाने से लाभ मिलता है ।
अतः इस लेख में हमने श्री हनुमान जी के जंजीरा मंत्र और उसे करने के नियमों के बारे में जाना । हमे आशा है की आपका हमारा यह लेख अच्छा लगा होगा ।