卐 श्री गणेश चालीसा 卐

॥ दोहा॥ जय गणपति सदगुण सदन, कवि वर बदन कृपाल, विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल । ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू, मंगल भरण करण शुभ काजू । जै गजबदन सदन सुखदाता, विश्व विनायक बुद्धि विधाता । वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन, तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन । राजत मणि मुक्तन Continue reading

हनुमान बाहुक हिंदी में सम्पूर्ण । HANUMAAN BAHUK

हनुमान बाहुक हिंदी में सम्पूर्ण छप्पय हसिंधुतरन, हसय-सोच हरनू, रहब बाल बरनूतनु। भुज हबसाल, मूरहत कराल कालहु को काल जनु॥ गहन-दहन-हनरदहन लिंक हनिःसिंक, बिंक-भुव । जातुधान-बलवान मान-मद-दवन पवनसुव ॥ कह तुलहसदास सेवत सुलभ सेवक हहत सन्तत हनकट । गुन गनत, नमत, सुहमरत जपत समन सकल-सिंकट-हवकट ॥१॥ स्वनण-सैल-सिंकास कोहट-रहव त और रुन तेज घन । उर Continue reading

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