ओ३म्-
ज्ञान-विज्ञान…
🚩 वैदिक ईश्वर:
★समाज में फैली रूढ़ियों (अवैदिक मत) को दूर करने के लिए महर्षि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना विश्व-कल्याण की भावना से सन १८७५ में की।
★बाइबिल व कुरान का अध्ययन करने वाले जानते हैं कि इन पुस्तकों में गॉड/अल्लाह के गुण व व्यवहार को मनुष्यवत दर्शाया गया है।
★वेद में ईश्वर का स्वरूप इस प्रकार है-
१. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप
२. निराकार
३.सर्वशक्तिमान
४. न्यायकारी
५. दयालु
६.अजन्मा
७.अनन्त
८. निर्विकार
९. अनादि
१०.अनुपम
११.सर्वाधार
१२.सर्वेश्वर
१३.सर्वव्यापक
१४.सर्वान्तर्यामी
१५.अजर
१६.अमर
१७.अभय
१८.नित्य
१९.पवित्र और
२०.सृष्टिकर्त्ता है।
उसी की उपासना करनी योग्य है।
★🚩 उपरोक्त २० नामों पर चिन्तन-मनन करें।
वैसे तो ईश्वर के जितने गुण उतने नाम (असंख्य) हैं।
★ईश्वर का मुख्य नाम तो ओम् ही है और सब नाम ओम् में ही समाहित हैं!!