हनुमान दर्शन हेतु मंत्र हाथ में लड्डू, मुख में पान| आओ आओ बाबा हनुमान|न आओ तो दुहाई महादेव गौरा -पार्वती की| शब्द साँचा|पिण्ड काँचा| फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा|| विधि :-साधक इस मंत्र का अनुष्ठान मंगलवार या शनिवार से प्रारम्भ करें| श्री हनुमान विषयक नियम का पालन करते हुए सिन्दूर का चोला, जनेऊ, खड़ाऊँ, लंगोट, पाँच Continue reading
मंत्र
मंत्र शब्द मन +त्र के संयोग से बना है !मन का अर्थ है सोच ,विचार ,मनन ,या चिंतन करना ! और “त्र ” का अर्थ है बचाने वाला , सब प्रकार के अनर्थ, भय से !लिंग भेद से मंत्रो का विभाजन पुरुष ,स्त्री ,तथा नपुंसक के रूप में है !पुरुष मन्त्रों के अंत में “हूं फट ” स्त्री मंत्रो के अंत में “स्वाहा ” ,तथा नपुंसक मन्त्रों के अंत में “नमः ” लगता है ! मंत्र साधना का योग से घनिष्ठ सम्बन्ध है…
सिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्र
सिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्र ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिंसिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्रप्रकाशय ग्लूं गलीं ग्लां फट् स्वाहा|| विधि :-इस मंत्र का जप करने वाला साधक सफेद वस्त्र धारण कर सफेद रंग के आसन पर बैठकर पूर्ववत् नियम का पालन करते हुए इस मंत्र का Continue reading
प्रदक्षिणा मन्त्र या परिक्रमा मन्त्र क्यों और कितनी करनी चाहिए ।
प्रदक्षिणा मन्त्र या परिक्रमा मन्त्र यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च ।तानि तानि प्रणश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे ।। इसका तात्पर्य यह है कि हे ईश्वर हमसे जाने अनजाने में किये गये और जन्मों के भी सारे पाप प्रदक्षिणा के साथ-साथ नष्ट हो जाए। हे ईश्वर मुझे सद्बुद्धि प्रदान करें। परिक्रमा के समय हाथ में रखे Continue reading