श्री महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम |उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् || संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र
मंत्र
मंत्र शब्द मन +त्र के संयोग से बना है !मन का अर्थ है सोच ,विचार ,मनन ,या चिंतन करना ! और “त्र ” का अर्थ है बचाने वाला , सब प्रकार के अनर्थ, भय से !लिंग भेद से मंत्रो का विभाजन पुरुष ,स्त्री ,तथा नपुंसक के रूप में है !पुरुष मन्त्रों के अंत में “हूं फट ” स्त्री मंत्रो के अंत में “स्वाहा ” ,तथा नपुंसक मन्त्रों के अंत में “नमः ” लगता है ! मंत्र साधना का योग से घनिष्ठ सम्बन्ध है…
श्री नवदुर्गा रक्षामंत्र
श्री नवदुर्गा रक्षामंत्र ॐ शैलपुत्री मैया रक्षा करोॐ जगजननि देवी रक्षा करो |ॐ नव दुर्गा नमः |ॐ जगजननी नमः || ॐ ब्रह्मचारिणी मैया रक्षा करो |ॐ भवतारिणी देवी रक्षा करो |ॐ नव दुर्गा नमः |ॐ जगजननी नमः || ॐ चंद्रघणटा चंडी रक्षा करो |ॐ भयहारिणी मैया रक्षा करो |ॐ नव दुर्गा नमः |ॐ जगजननी नमः Continue reading
श्री वेद स्तुति : वेदों का पाठ प्रारम्भ करने से पहले करें पढ़े वेद स्तुति मंत्र
श्री वेद स्तुति (SHRI VED STUTI) हिंदु धर्म में चार वेद है। वेदों का पाठ प्रारम्भ करने से पहले वेद स्तुति मंत्र के द्वारा वेदों की स्तुति की जाती है। नमः शम्भवे च मयोभवे च नमः शंकाराय च ।मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च ।।