|| माता महागौरी देवी कवच ||

mata mahagauri devi kavach || कवच ||   ओंकार: पातुशीर्षोमां, हीं बीजंमां हृदयो। क्लींबीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो॥ ललाट कर्णो,हूं, बीजंपात महागौरीमां नेत्र घ्राणों। कपोल चिबुकोफट् पातुस्वाहा मां सर्ववदनो॥

|| माता कात्यायनी देवी कवच ||

katyayani devi kavach ॥ कवच ॥ कात्यायनौमुख पातुकां कां स्वाहास्वरूपणी। ललाटेविजया पातुपातुमालिनी नित्य संदरी॥ कल्याणी हृदयंपातुजया भगमालिनी॥

|| माता सिद्धिदात्री देवी कवच ||

mata siddhidatri devi kavach ।। कवच ।। ओंकार: पातुशीर्षोमां, ऐं बीजंमां हृदयो । हीं बीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो ॥ ललाट कर्णोश्रींबीजंपातुक्लींबीजंमां नेत्र घ्राणो । कपोल चिबुकोहसौ:पातुजगत्प्रसूत्यैमां सर्व वदनो ॥

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