卐 श्री लक्ष्मी चालीसा 卐

॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस॥ ॥सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदम्बिका॥ ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान, बुद्धि, विद्या दो मोही॥ तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय Continue reading

卐 श्री खाटू श्याम चालीसा 卐

॥ दोहा॥ श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद। श्याम चालीसा भजत हूं, रच चौपाई छंद। ॥ चौपाई ॥ श्याम-श्याम भजि बारंबारा। सहज ही हो भवसागर पारा। इन सम देव न दूजा कोई। दिन दयालु न दाता होई। भीम सुपुत्र अहिलावती जाया। कही भीम का पौत्र कहलाया। यह सब कथा कही कल्पांतर। तनिक न मानो Continue reading

卐 श्री नवग्रह चालीसा 卐

॥ दोहा॥ श्री गणपति ग़ुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय , नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय जय, जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज, जयति राहू अरु केतु ग्रह, करहु अनुग्रह आज !! ॥ चौपाई ॥ श्री सूर्य स्तुति प्रथमही रवि कहं नावों माथा, करहु कृपा जन जानि अनाथा, हे आदित्य दिवाकर Continue reading

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