सुंदरकांड में एक प्रसंग अवश्य पढ़ें !

“मैं न होता, तो क्या होता?”“अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ातब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सिर काट लेना चाहिये!किन्तु, अगले ही क्षण, उन्होंने देखा“मंदोदरी” ने रावण का हाथ पकड़ लिया !यह देखकर वे गदगद हो गये! Continue reading

श्री प्रत्यंगिरा देवी

प्रत्यंगिरा देवी भगवती काली का ही प्रचण्ड स्वरुप हैं। शरभ तथा गंडभेरुंड अवतार के बीच भीषण युद्ध 18 दिनों तक चलता रहा। उनके युद्ध के कारण तीनों लोको में त्राहिमाम मच गया।तब माँ आदिशक्ति सृष्टि के कल्याण के उद्देश्य से आदिशक्ति ने भयंकर अवतार धारण कर लिया जिसका मुख शेर के समान था। उसमें शिव Continue reading

🌹 एक बोध कथा🌹 प्राचीन समय की बात है : एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था..दूसरा अमीर दोनों पड़ोसी थे. गरीब ब्राम्हण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती और झगड़ती एकादशी के दिन गरीब ब्राह्मण पुत्र झगड़ों से तंग आकर जंगल की ओर चल पड़ता है, ये सोच कर कि Continue reading

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