तिलक लगाने का मन्त्र

तिलक लगाने का मन्त्र केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।। कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।

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