卐 श्री सूर्य आरती 卐

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥ ॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥ सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥ ॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥ सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥ सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी। विश्व-विलोचन मोचन, Continue reading

卐 श्री भैरव आरती 卐

सुनो जी भैरव लाड़िले,कर जोड़ कर विनती करुं । कृपा तुम्हारी चाहिये, मैं ध्यान तुम्हरा ही धरूं ॥ मैं चरण छुता आपके,अर्जी मेरी सुन लिजिये । मैं हूं मति का मंद, मेरी कुछ मदद तो किजिये महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूं ॥सुनो जी भैरव लाड़िले… ॥ करते सवारी स्वान की, चारो Continue reading

卐 श्री शनि आरती 卐

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ ॥जय जय श्री शनिदेव.. ॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नीलाम्बर धर नाथ गज की असवारी॥ ॥जय जय श्री शनिदेव.. ॥ क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ ॥जय जय श्री शनिदेव.. ॥ मोदक मिष्ठान पान चढ़त Continue reading

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