卐 श्री विन्ध्येश्वरी आरती 卐

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट .चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥ नंगे पग माँ अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. Continue reading

卐 श्री दुर्गा आरती 卐

ॐ जय अम्बे गौरी , मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत हरी ब्रह्मा शिवजी ॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥ मांग सिन्दूर विराजत टीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैना चन्द्रवदन नीको ॥ ॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥ कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे । रक्तपुष्प गल माला कण्ठन पर साजे ॥ ॥ॐ Continue reading

卐 श्री महालक्ष्मी आरती 卐

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा,रमा,ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि Continue reading

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