आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की। ।आरती श्री वृषभानुसुता की । मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि। अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की। ।आरती श्री वृषभानुसुता की । संतत Continue reading
आरती संग्रह
卐 श्री शीतला आरती 卐
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता, आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। ॥ जय शीतला माता… ॥ रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता, ऋद्धि-सिद्धि मिल चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता। ॥ जय शीतला माता… ॥ विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता, वेद पुराण वरणत , पार नहीं पाता । ॥ जय शीतला माता… Continue reading
卐 श्री महाकाली आरती 卐
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा , हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेंट करें। सुन जगदम्बे कर न विलम्बे, संतन के भडांर भरे। सन्तान प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे । बुद्धि विधाता तू जग माता , मेरा कारज सिद्ध करे। चरण कमल का लिया आसरा, शरण Continue reading