卐 श्री विष्णु आरती 卐

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे || || ॐ जय जगदीश हरे || जो ध्यावे फल पावे, दुख विनसे मन का स्वामी दुख विनसे मन का सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का || || ॐ जय जगदीश हरे || Continue reading

卐 श्री हनुमान आरती 卐

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ ॥ आरती कीजै हनुमान.. ॥ दे बीड़ा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥ ॥ Continue reading

卐 श्री राम आरती 卐

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुन्दरम्। पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचि नौमि जनक सुतावरम्॥ ॥श्री रामचन्द्र कृपालु..॥ भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनम्। रघुनन्द आनन्द कन्द कौशल चन्द्र दशरथ नन्द्नम्॥ ॥श्री रामचन्द्र Continue reading

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