हनुमान बाहुक हिंदी में सम्पूर्ण छप्पय हसिंधुतरन, हसय-सोच हरनू, रहब बाल बरनूतनु। भुज हबसाल, मूरहत कराल कालहु को काल जनु॥ गहन-दहन-हनरदहन लिंक हनिःसिंक, बिंक-भुव । जातुधान-बलवान मान-मद-दवन पवनसुव ॥ कह तुलहसदास सेवत सुलभ सेवक हहत सन्तत हनकट । गुन गनत, नमत, सुहमरत जपत समन सकल-सिंकट-हवकट ॥१॥ स्वनण-सैल-सिंकास कोहट-रहव त और रुन तेज घन । उर Continue reading
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ओम जय शिव ओंकारा आरती
ओम जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स ओम जय शिव ओंकारा।प्रभु हर शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥॥ओम जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।स्वामी (शिव) पंचानन राजे।हंसासन गरूड़ासन, वृषवाहन साजे॥॥ओम जय शिव ओंकारा॥ दोभुज चार चतुर्भुज, दशभुज अति सोहे।स्वामी दशभुज अति सोहे।तीनो रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥॥ओम जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी।स्वामी मुण्डमाला Continue reading
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। गायत्री मंत्र शब्द की व्याख्या गायत्री मंत्र के पहले नौं शब्द प्रभु के गुणों की व्याख्या करते हैं ॐ = प्रणव भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला तत = Continue reading