विष्णुप्रिये नमस्तुभ्यं जगद्धिते |अर्तिहंत्रि नमस्तुभ्यं समृद्धि कुरु में सदा ||
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देवी मन्त्र
देवी मन्त्र या देवी सर्वभूतेषु माँ रुपेण संस्थिता |या देवी सर्वभूतेषु शक्ती रुपेण संस्थिता |या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रुपेण संस्थिता |या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रुपेण संस्थिता |नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र
।।महामृत्युंजय मंत्र व्याख्या।।〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार) देवताओं के द्योतक हैं उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं।इन तैंतीस कोटि देवताओं की सम्पूर्ण शक्तियाँ महामृत्युंजय मंत्र से निहित होती है। संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र 🌹||महा मृत्युंजय मंत्र ||🌹〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ Continue reading