ॐ जप Om Jap
जुड़ कर औरों को जोड़ कर चले, आओ अपनी संस्कृति को सहज कर चले।
Home - संग्रह - निर्विघ्न निद्रा मन्त्र
निर्विघ्न निद्रा मन्त्रहे पद्मनाभं सुरेशं ।हे पद्मनाभं सुरेशं ।
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