भोग लगाने का मन्त्र

भोग लगाने का मन्त्र

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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