धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी देवबंद गांव घ्याना स्थित लाखों लोगों की आस्था के केंद्र श्री सिद्धपीठ भगवान नागेश्वर मंदिर का निर्माण यूं तो करीब दो दशक पूर्व गांव के पूर्व प्रधान एवं ग्रामीणों के सहयोग से किया गया था लेकिन इसके अंदर स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह सैकड़ों वर्षों से यहां एक बरगद के पेड़ में स्थित था जिसकी गांव वाले पूजा करते चले आ रहे है। गांव के वृद्ध लोग बताते हैं कि बात प्रचलित है कि पुराने समय में यहां ऊंचाई पर एक बस्ती थी जो किसी कारण पलट कर तबाह हो गई थी ऐसा क्यों हुआ यह तो कोई नहीं जानता लेकिन उसके बाद यहां निचले भाग में गांव बसा दिया गया जिसका नाम घ्याना रखा गया और उसी समय से गांव में स्थित बरगद के पेड़ के अंदर रखे शिवलिंग की गांव के लोग पूजा करते चले आ रहे हैं। आस्था के प्रतीक इस मंदिर में प्रत्येक सप्ताह के सोमवार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है और शिवरात्रि में दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में आकर जलाभिषेक कर मन्नतें मांगते है।