वैदिक हिलींग उपचार

एक इंसान था वो प्रार्थना में जो कहता था वो होता था उसकी 2 बेटी थी दोनों से वह बहोत प्रेम करता था कुछ दिनों बाद दोनों बेटी की शादी हो गयी शादी होने के कुछ दिन बाद वह अपनी लड़की के घर गया पहले लड़की के घर सभी खेती का काम करते थे वह अपनी लड़की से मिला लड़की ने कुछ अपनी समस्या बताई कहा पिताजी आप जो प्रर्थना करते है वह होता है हमारे खेत मे बारिश की बहोत आवश्कता है आप प्रार्थना करे इस बार बारिश जल्दी हो जिससे फसल अच्छी हो मुनाफा अच्छा हो उसके पिता ने कहा ठीक है घर जा कर प्रार्थना करता हु इस विषय के लिए फिर वह दूसरी लड़की के घर गया उन के घर के सारे लोग मटके बनाने का काम करते थे उसने भी अपनी कुछ समस्या बताई उसके कहा पिताजी इस बार मटके बहोत ज्यादा बनाये गए है इसे सूखने के लिए थोड़ा ज्यादा वक्त की जरूरत है अगर इस बीच बरसात हुई तो वह मटके सुख नही पाएंगे जिससे नुकसान भी उठाना पड़ सकता है इस लिए आप प्रर्थना करे कि बारिश इस बार लेट हो पिता को आश्चर्य हुआ अब क्या करे आज तक लोगो के बताए प्रार्थना अनुसार मेने प्रार्थना किया पर आज तो बड़ी विडम्बना है
वह बड़ी समस्या से घिर गया वह अपने पुत्रियों से बहोत प्रेम करता था पर करे क्या एक को खुश करता है यो दूसरी दुखी अगर दूसरी को खुश करता है तो पहली वाली दुःखी करे तो क्या करे बहोत सोचने के बाद उसने प्रार्थना किया और उस दिन वह बहोत खुश हुआ बहोत ही ज्यादा जो प्रार्थना किया उसे उसने अपने जीवन का प्रार्थना बना लिया जिसके लिए भी प्रार्थना करता वही प्रार्थना करता एक ही प्रार्थना उसका मूल मंत्र बन गया
वह प्रार्थना था हे ईश्वर तुम्हे जो लगे अच्छा यही मेरी इच्छा
यही जीवन का मूल मंत्र है जहा भक्त समर्पित हो जाता है समर्पण पूर्ण रूप से होता है ईश्वर के द्वारा कर प्राप्त हर चीजो को अच्छा मानकर स्विकार करता है उसी को अपनी इच्छा मानता है

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