चल गोरक्ष अपने गुरु के पास
जिसकी रखे मछिन्दर आस
धन पर लक्ष्मी माई
चारों पहर नाथों ने बिताई
मिले नाथ जहां लक्ष्मी आई
जहा नाथों ने रात बिताई
उसके ही धर में लक्ष्मी आई
जय जय हो गोरक्ष की दुहाई
इति सिद्धम
इस मंत्र को 51 बार पढ़कर एक तांबे के लोटे जल भर कर में 51 बार फूक मारे,अपने दुकान ,मकान,कंपनी व्यपार इस्थान पर यह पानी का छिड़काव करें ईश्वर की कृपा से इसका परिणाम बहोत ही सकारात्मक प्राप्त होगा