प्रार्थना की शक्ति

एक डाल पर दो कबुतर बैठे थे दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे
अचानक उनकी नजर नीचे पड़ी और उन्होंने देखा एक शिकारी धनुष उनकी तरफ ताने खड़ा है और वह बाण छोड़ने ही वाला है
वह वहा से भागे तब उन्होंने ऊपर देखा तो एक बाज उनपर नजर गड़ाए हुआ है जैसे यह ऊपर उड़े वैसे ही इन्हें पकड़ लू
कबुतर बहोत ही कठिन परिस्थिति में घिर गए एक कबुतर ने दूसरे कबुतर से कहा अब हम नही बच पाएंगे मुत्यु दोनों जगह से हमारे तरफ खड़ी है अब यह हमारा आखरी दिन है दूसरे ने कहा हम प्रार्थना करते है ईश्वर हमारी जरूर मदत करेंगे पहले कबुतर ने कहा अब कुछ नही हो सकता दूसरे ने कहा जब कुछ नही हो सकता तो प्रार्थना तो हो ही सकता है दोनों ने प्रार्थना शुरू की अब शिकारी बाण छोड़ ही रहा ता तभी शिकारी के पैर पर एक चींटी ने काट लिया बाण धनुष से निकला और बाज को लग गया कबूतर के ईश्वर का धन्यवाद किया उड़ गए
प्रार्थना से उनकी दोनों तरफ आ रहे संकट को टाल दिया

प्रार्थना ईश्वर से बात करने की एक भाषा है जब हम पूरे भाव से प्रार्थना करते है तब कोई ना कोई मार्ग अवश्य ही मिल जाते है
विचार भी हमारे प्रर्थना है इस लिए कहा जाता है सकारात्मक सोचो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
आरती संग्रह
चालीसा संग्रह
मंत्र
Search